Showing posts from 2024

दशावतार बनाम विकासवाद: क्या पुराणों ने विज्ञान को छिपाया?

भारतीय पुराणों में श्रीहरि विष्णु के दस अवतार — दशावतार — को क्रमबद्ध रूप से ले जाकर कुछ लोग यह कहते हैं कि यह डार्विनिस्ट विकासवाद (Evolution Theory) का प्रमाण है: “धरती पर पहली मछली थी, फिर कछुआ, फिर साँप, फिर बंदर, फिर इंसान — इसलिए दशावतार ह…

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भारत में शिक्षा: अकादमिक सफलता से परे नैतिक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता

भारत में शिक्षा को अक्सर केवल परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने और करियर बनाने के लिए देखा जाता है। माता-पिता, शिक्षक, और समाज ही नहीं, विद्यार्थी भी अकादमिक उपलब्धियों को सफलता का पैमाना मानते हैं। लेकिन क्या शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित है? क्या इ…

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अंतहीन शून्यता: मैं हूँ, लेकिन होना महसूस नहीं होता

"There are wounds that never show on the body that are deeper and more hurtful than anything that bleeds." — एक भीतर से मर चुके इंसान की डायरी से मेरे पिछले लेख में आपने पढ़ा कि अंधकारमय अंतहीन शून्यता में किस तरह हर कोई घिरा होता है उसी…

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आंखें खुली हों या बंद हों— रहता है.. तो बस एक अंतहीन खालीपन और अंधेरा

"It doesn't if I have my eyes open or closed, I always see the same darkness." कभी-कभी ज़िंदगी कोई कहानी नहीं होती। कोई शुरुआत, कोई मोड़, कोई अंत नहीं। बस एक रुकावटहीन गिरावट — जहाँ हर दिन कल जैसा लगता है, और हर रात थोड़ी ज़्यादा भार…

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ये कैद क्यों नहीं दिखती? इंसान की सबसे बड़ी लड़ाई, अपने आप से होती है

“The prison walls of the mind are tougher than the prison walls of life.” "The hardest prison to escape from is the mind." जो कैद दिखती नहीं, वही सबसे ख़तरनाक होती है हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं, जहाँ आवाज़ें बहुत हैं लेकिन संवाद नही…

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क्या होता यदि भारत में डॉ भीम राव अम्बेडकर नहीं होते?

यह प्रश्न केवल किसी महान व्यक्ति की अनुपस्थिति की कल्पना नहीं है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक आत्मा, सामाजिक न्याय, और राष्ट्रीय एकता की जड़ों तक जाता है। यदि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न होते, तो शायद भारत वह देश नहीं बन पाता जो आज है — एक ऐसा राष्ट्र जो…

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दलित और आदिवासी समुदायों के लिए पर्यावरणीय संकट क्यों अधिक जानलेवा है?

भारत में पर्यावरणीय संकट अब सिर्फ बाढ़, सूखा या जंगल की आग तक सीमित नहीं रह गया है। यह संकट आज सामाजिक असमानताओं की परतों को भी उजागर कर रहा है। जो समुदाय सदियों से हाशिए पर हैं — जैसे दलित, आदिवासी, घुमंतू जनजातियाँ और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग — उन…

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क्या पुष्पक विमान सचमुच था?

अक्सर कहते हैं: “पश्चिम से पहले हमारे पास विमान थे। रामायण में रावण के पास पुष्पक विमान था जो अंतरिक्ष में उड़ सकता था — वह प्रमाण है कि भारत में हवाई तकनीक थी।” 🚩 यह दावा तब और मजबूत किया गया जब 2015 में मुंबई के एक विज्ञान सम्मेलन में एक शोध…

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क्या गाय ऑक्सीजन छोड़ती है?

भारत में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से इसका विशेष महत्व रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में एक वैज्ञानिक झूठ को श्रद्धा के नाम पर फैलाया गया , कि: “गाय ऑक्सीजन छोड़ती है।” यह दावा कई राजनेताओं, धर्मगुरुओं औ…

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