पर्यावरण

जातिवाद और पर्यावरणीय संकट : एक संरचनात्मक अन्याय की कहानी

भारत में जाति व्यवस्था कोई केवल सामाजिक ढांचा नहीं, बल्कि एक ऐसा अदृश्य जाल है जो जीवन के हर पहलू को छूता है — शिक्षा, रोज़गार, सम्मान, और... पर्यावरण तक को। यह बात सुनने में थोड़ी अटपटी लग सकती है, लेकिन हकीकत ये है कि भारत में पर्यावरणीय संकट और स…

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दलित और आदिवासी समुदायों के लिए पर्यावरणीय संकट क्यों अधिक जानलेवा है?

भारत में पर्यावरणीय संकट अब सिर्फ बाढ़, सूखा या जंगल की आग तक सीमित नहीं रह गया है। यह संकट आज सामाजिक असमानताओं की परतों को भी उजागर कर रहा है। जो समुदाय सदियों से हाशिए पर हैं — जैसे दलित, आदिवासी, घुमंतू जनजातियाँ और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग — उन…

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