Ambedkar

क्या होता यदि भारत में डॉ भीम राव अम्बेडकर नहीं होते?

यह प्रश्न केवल किसी महान व्यक्ति की अनुपस्थिति की कल्पना नहीं है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक आत्मा, सामाजिक न्याय, और राष्ट्रीय एकता की जड़ों तक जाता है। यदि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न होते, तो शायद भारत वह देश नहीं बन पाता जो आज है — एक ऐसा राष्ट्र जो…

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"शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो" – डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का मूल संदेश

दिनांक 9 मार्च 1924 , मुंबई के दामोदर हॉल में शाम 4 बजे एक ऐतिहासिक सभा का आयोजन हुआ। इस सभा में   बाबासाहब डॉ. आंबेडकर   ने एक संगठन,   "बहिष्कृत हितकारिणी सभा"   की स्थापना का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। यह केवल एक…

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