ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम अटैक का लिया गया ऐतिहासिक बदला

22 अप्रैल 2025 — जब बाइसारन घाटी की वादियाँ क़त्लगाह बन गईं और 26 मासूम भारतीय पर्यटक कट्टरपंथी आतंकवाद की भेंट चढ़ गए, तब भारत का दिल रोया नहीं... वो गूंज उठा — बदले की प्रतिज्ञा से। उस दिन हर माँ, जिसने बेटे को तिरंगे में लिपटा देखा, हर बेटी जिसने पिता की लाश पहचाननी पड़ी, और हर भारतीय जिसने कहा —

"अब बहुत हुआ।"

इस घटना के ठीक सात दिन बाद, जब पूरा देश मातम में था, भारतीय सेना ने इतिहास रच दिया — ऑपरेशन सिंदूर नामक एक ऐसा सर्जिकल जवाब जो दुश्मनों की रगों में आग की तरह दौड़ गया।


ऑपरेशन सिंदूर: नाम क्यों?

"सिंदूर", भारतीय स्त्री के माथे की शान है। यह प्रतीक है उस परिवार का, उस जीवन का जिसे आतंकवाद ने पहलगाम में उजाड़ दिया।
26 मौतें — 26 सिंदूर उजड़े।
इसलिए इस ऑपरेशन को नाम मिला:

🔥 ऑपरेशन सिंदूर — ताकि हर उजड़े माथे को न्याय मिले।


कब और कैसे हुआ?

  • तारीख: 30 अप्रैल 2025

  • समय: रात 2:43 AM

  • स्थान: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के 3 आतंकी लॉन्चपैड — Athmuqam, Tattapani, और Dudhnial

मिशन की मुख्य विशेषताएँ:

पक्षविवरण
लीड यूनिटस्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF), NSG ब्लैक कैट कमांडो, पैरा SF
प्रवेश मार्गहेलीकॉप्टर इनफिल्ट्रेशन (CH-47 Chinook), कुछ ज़मीन मार्ग
उद्देश्यपहलगाम हमले के मास्टरमाइंड और प्रशिक्षण कैम्पों को ध्वस्त करना
समयावधिलगभग 2 घंटे 36 मिनट
हताहत63 आतंकी ढेर, 2 आतंकी कैंप पूरी तरह नष्ट

मिशन के चरण

1. Pre-Strike Intelligence Gathering

R&AW और NTRO ने हमले के ठीक बाद PoK में असामान्य मूवमेंट ट्रैक किया।
ड्रोन इमेजरी और इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्ट के माध्यम से 3 मुख्य लोकेशन चिन्हित हुईं। इनमें से एक में पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल सत्तार लश्करी के मौजूद होने की पुष्टि मिली।

2. Cabinet Approval और सेना को फ्री हैंड

29 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी ने CCS मीटिंग में स्पष्ट कहा:

"सिर्फ आंख के बदले आंख नहीं — पूरा सिर चाहिए।"
सेना को पहली बार 'Retaliatory Assassination Authority' मिला — यानी लक्षित हत्या की स्वतंत्र अनुमति।

3. Surgical Infiltration

30 अप्रैल की रात भारतीय हेलीकॉप्टरों ने LOC पार किया। Drones और AWACS ने आसमान की निगरानी की।
SFF ने PoK में घुसते ही पहला टार्गेट — Tattapani ट्रेनिंग कैंप को उड़ाया।
वहाँ मौजूद 21 आतंकवादी मारे गए, जिनमें 4 विदेशी प्रशिक्षक भी थे (सूत्रों के अनुसार तालिबान से जुड़े)।

4. Primary Target Elimination

Dudhnial में छुपे अब्दुल सत्तार लश्करी को पैराशूट इनसर्शन के ज़रिए घेर कर हाथ में हथियार पकड़ने से पहले ही शूट टू किल किया गया।
उसका शव वही जलाया गया — ताकि पाकिस्तान को लाश तक न मिले।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • अमेरिका: “भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है।”

  • फ्रांस: “भारत की कार्रवाई आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई का हिस्सा है।”

  • रूस: “यह जवाब दर्शाता है कि भारत अब सहनशीलता नहीं, निर्णायकता से चलता है।”

  • UN: कोई आधिकारिक बयान नहीं, लेकिन बैठक बुलाई गई।


पाकिस्तान की स्थिति?

इस हमले के 12 घंटे बाद पाकिस्तान ने पहले इनकार किया कि कोई हमला हुआ है।
लेकिन जब सैटेलाइट तस्वीरें, ड्रोन फुटेज, और ग्लोबल प्रेस रिपोर्ट्स में जली हुई इमारतें दिखने लगीं, तब वहां की मीडिया बोली —

“भारत ने युद्ध छेड़ दिया है!”

पाक सेना ने LOC पर हलचल बढ़ाई, लेकिन भारत पूरी तैयारी में था।


भारतीय जनता की प्रतिक्रिया

  • सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड करने लगा

  • लोगों ने अपने प्रोफाइल फोटो पर तिरंगा और ‘Sindoor Justice’ लगा लिया

  • दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में विजय मशाल रैली निकाली गई


यह जवाब क्यों विशेष था?

  • स्पष्ट टार्गेटिंग: केवल आतंकी ठिकानों पर हमला, कोई नागरिक हताहत नहीं
  • मास्टरमाइंड का सफाया: जवाब केवल प्रतीकात्मक नहीं, रणनीतिक था
  • मौके पर जलाना: यह संदेश कि "हम बदला लेकर लौटते हैं, शव नहीं"

अब आगे क्या?

भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि

"नई नीति – हमला नहीं, तो हमला करो।"

अब तक जो नरमी थी, वह बीते काल की बात हो चुकी है।
भारत की सैन्य नीति अब proactive, precise और परिणामोन्मुख है।
ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया कि भारत अब सहनशील नहीं, सजग और सक्षम है।

पहलगाम की घाटियों में जो खून बहा, उसका जवाब भी वहीं के पहाड़ों से निकला
जहाँ से आतंक बढ़ा, वहीं उसे कुचला गया।
ऑपरेशन सिंदूर न केवल 26 परिवारों को न्याय देने का प्रयास था, बल्कि पूरे भारत को यह यकीन दिलाने का संकल्प भी —

“अगर कोई तुम्हारा सिंदूर छीनने आए, तो वो अपना अस्तित्व खो दे।”

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