Dalit Sahitya

जब तक समाज में बराबरी नहीं होगी, तब तक साहित्य भी एकतरफा रहेगा

"जब तक समाज में बराबरी नहीं होगी, तब तक साहित्य भी एकतरफा रहेगा।" — ओमप्रकाश वाल्मीकि भारतीय समाज की सबसे बड़ी विडंबना यही रही है कि जिस जाति ने सबसे अधिक पीड़ा झेली, उसी की आवाज़ सबसे अधिक दबाई गई — साहित्य में भी, समाज में भी। दलित साहि…

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