कई लोग और सोशल मीडिया यह दावा करते हैं:
“महाभारत युद्ध में परमाणु बम का प्रयोग हुआ था। इसमें लिखा है कि पूरा नगर नष्ट हो गया, सबकुछ जलकर राख हो गया, और लोगों की त्वचा झुलस गई — ये सब परमाणु विस्फोट के लक्षण हैं।”
दावा क्या है?
राष्ट्रवादी दावों के अनुसार:
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'ब्रह्मास्त्र' = न्यूक्लियर मिसाइल
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'अश्वत्थामा द्वारा छोड़ा गया ब्रह्मास्त्र' = एक अनियंत्रित हाइड्रोजन बम
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'नगर धूल में बदल गए, लोग जल गए' = रेडिएशन के प्रभाव
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'गर्भस्थ शिशु नष्ट हो गए' = म्यूटेशन और रेडिएशन
📌 यह कहा जाता है कि महाभारत का युद्ध परमाणु युद्ध था।
महाभारत के श्लोकों में क्या है?
महाभारत में ब्रह्मास्त्र और अग्नि अस्त्र का उल्लेख होता है, परन्तु:
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उन्हें ‘दिव्य’, ‘देवताओं द्वारा प्रदत्त’, ‘विनाशकारी’, ‘प्रार्थना से संचालित’ कहा गया है।
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इन अस्त्रों को 'मंत्रों से चलाने' और 'देवताओं से प्राप्त करने' की बात की गई है।
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युद्ध के बाद का वर्णन अतिरंजित, अलंकारिक और काव्यात्मक शैली में लिखा गया है, जैसे:
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“सूर्य के हजारों तेजों जैसा प्रकाश”
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“धरती काँप उठी, वन झुलस गए, जल वाष्पित हो गया”
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➡️ ये कविकल्पना और काव्य सौंदर्य हैं — वैज्ञानिक विवरण नहीं।
क्या ये लक्षण परमाणु बम जैसे हैं?
महाभारत वर्णन | परमाणु बम | वैज्ञानिक सत्य |
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तेज प्रकाश | ✔️ | पर कोई मात्रात्मक माप नहीं |
त्वचा झुलसना | ✔️ | लेकिन कोई स्पष्ट वर्णन नहीं |
पूरे नगर का नाश | ✔️ | मगर कारण नहीं बताया गया |
गर्भपात | ✔️ | लेकिन कोई रेडियोधर्मिता या उत्परिवर्तन नहीं बताया गया |
➡️ समानता सतही है — कोई टेक्निकल या मेडिकल विवरण नहीं।
क्या प्राचीन भारत में परमाणु विज्ञान था?
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न कोई पारंपरिक रिएक्टर,
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न कोई रेडियोधर्मी पदार्थों का उल्लेख,
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न कोई नाभिकीय विखंडन (nuclear fission) का ज्ञान।
📌 'कणाद' ने 'अनु' (atom) का दर्शन दिया था, पर वह भौतिक नहीं, दार्शनिक था।
क्या कोई पुरातात्विक प्रमाण है?
कुछ लोग मोहेंजोदड़ो में मिले कंकालों की ओर इशारा करते हैं:
“कंकालों में रेडिएशन था, वे बम धमाके में मरे।”
पर यह दावा पूरी तरह झूठा है:
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कोई रेडिएशन नहीं पाया गया।
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मौत का कारण प्लेग या अकाल हो सकता है।
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वहाँ कोई क्रेटर, विस्फोट स्थल या ताप प्रभाव नहीं मिला।
➡️ यह पश्चिमी fringe authors (David Davenport) द्वारा फैलाया गया अफवाह था, जिसे वैज्ञानिकों ने खारिज कर दिया।
यह मिथक कैसे बना?
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1945 में हिरोशिमा-नागासाकी के बाद दुनिया में परमाणु बम का डर और रोमांच बढ़ा।
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भारत में कुछ लोगों ने महाभारत की कथाओं को विज्ञान से जोड़ने की कोशिश की।
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उन्होंने काव्यात्मक वर्णनों को literal (शाब्दिक) रूप में लेकर कहा — “देखो! न्यूक्लियर बम तो हमारे ग्रंथों में था!”
📌 यह प्रयास 'retro-fitting' का है — यानी नई खोज के बाद पुरानी कहानी को उसमें फिट करना।
निष्कर्ष
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महाभारत के ब्रह्मास्त्र को परमाणु बम कहना अवैज्ञानिक, अतिरंजित और भ्रामक है।
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यह न भारतीय संस्कृति का सम्मान करता है, न विज्ञान का।
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अगर हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं, तो मिथकों और तकनीक में अंतर समझना अनिवार्य है।