Showing posts from 2011

Bahaut Kuch Paaya.... Bahaut Kuch Khoya (...in 2011)

Ja Raha Hai 2011...Lekin Iss Saal Ki... Yaadein Saath Rahengi Hamesha Kyoki.. . Bahaut Kuch Paaya.... Bahaut Kuch Khoya, Bin Badal Aasma Bhi Roya, Purane Lamhe... Purani Yaadon Me... Din-Raat ... Jab Bina Baat Khoya, Yaad.. Kare Na Kar…

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यही है.… बस "यहीं" है हर लम्हा हर पल

यही है.… बस "यहीं" है हर लम्हा हर पल अच्छे दिन भी आएंगे आज नहीं तो कल बन सफल हो जा अटल हर बाधा पर तू बढा चल नई रुकावटें नए फलसफे बस, नाश कर तू आगे बढ़ ज़िन्दगी पे तू कर यकीं, लिख किस्मत तू खुद ही, होगा नाम तेरा भी इक द…

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असलियत हर कोई जानता है

असलियत हर कोई जानता है, फिर क्यों...? हर कोई इससे भागता है  नहीं शौक किसी की बर्बादी का, नसीब खराब हो तो कोई कर भी क्या सकता है ? मुसीबतों का सामना करने से नाजाने हर कोई क्यों डरता है? असलियियत कोई जान भी ले तो कौन उसे बदल…

Anonymous

अजनबी दुनिया का अकेला एक ख्वाब

इस अजनबी सी दुनिया में, अकेला एक ख्वाब हूँ, सवालों से खफा,छोटा सा जवाब हूँ, …  जो ना समझ सके, उनके लिए "कौन", जो समझ चुके, उनके लिए किताब हूँ, ... दुनिया की नज़रों में, जाने क्यों चुभा सा, सबसे बदनाम  नशीला शराब हूँ, … सर उ…

Admin

कहते हो तो… चला जाता हूँ

मंजूर नहीं है वापस जाना, कहते हो तो… चला जाता हूँ,  जीते रहो तुम अपनी ज़िन्दगी, एक बार कहदो तो … दुनिया ही छोड़ के चला जाता हूँ, नहीं पा सके हम जो मंजिले  तो जाना कहाँ है आखिर? जीना तो रहा नहीं बसकी बात मेरे तो बताओ मरना कहाँ…

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Eid Mubaarak

Aayi Hai Eid ... Khushiya Laayi Hai Eid, Har Taraf Mauj Masti Ki Fuhar Laayi Hai Eid, Bhool Jao Sab ... Kaun Amir Kaun Gareeb.... Sabko Khushiyo Ka Haq Manwane Ko Aayi Hai Eid By:- Peetamber Shambhoo

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आये थे बनके, जिंदगी में मेरी

आये थे बनके, जिंदगी में मेरी, एक तौफ़ानी हवा का झोंका, याद है मुझको अब भी, सब कुछ, तेरा वो अनजाना सा चेहरा, हकीकत की रौशनी, मासूमियत का पहरा, अधूरापन सिमट कर, था जब फैला  पल भर में बने थे, तुम मेरे दोस्त, रोशन हुई, जो अँधेरी ज़िन्दगानी , …

Admin

महात्मा गांधी का पहला टेलीविजन साक्षात्कार (इंटरव्यू)

यह महात्मा गांधी का पहला टेलीविजन साक्षात्कार है । 30 अप्रैल 1931 को गांधी जी  ने यह इंटरव्यू फॉक्स मूवीटोन समाचार को दिया था और बारडोली के किसानों से मुलाकात भी की थी ।

Admin

अरे यहाँ वहाँ जाने कहाँ कहाँ सब जगह फैला अत्याचार है

अरे यहाँ वहाँ जाने कहाँ कहाँ  सब जगह फैला अत्याचार है, ये देन है तो राजनीति की जो फैला भ्रष्टाचार है, नेता नहीं है कुछ भी देता, ये तो है बस लेता लेता, जनता की मेहनत को लेता, देश का पैसा जेबों में भरता, कुर्ता पैजामा पहन के ऐसे दिखावे …

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कब कौन किसी का होता है, सब झूठे रिश्ते नाते हैं

कब कौन किसी का होता है, सब झूठे रिश्ते नाते हैं, सब दिल रखने की बातें हैं, सब असली रूप छुपाते हैं, एक बार निगाहों में आ कर के...  फिर सारी ज़िन्दगी रुलाते हैं, कितने चेहरे है इस दुनिया में... सब का एक चेहरा नज़र आता है, इंसानों की भीड़…

Anonymous
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