और वो भी क्रिसमस ट्री सजाने में लगे थे


जी हाँ, कमाल की बात है ना। ऐसे कई लोग हमारे आस पास ही मिल जाएंगे जो कल २५ दिसम्बर को जोर शोर से क्रिसमस ट्री सजाते हुए पाये गए। अब आप सोच रहे होंगे कि इसमें बुरा ही क्या है ? लेकिन मैं कहता हूँ कि हाँ, इसमें बेहद गंभीर रूप से हैरान कर देने वाली बात ये है कि जो लोग सालों साल अपने-अपने घर-आँगन में तुलसी का पौधा या छत पर कोई भी पेड़-पौधा नहीं लगते, और न देखभाल करते हैं वो लोग ही अधिकतर इन कामो में व्यस्त दिखाई दिए। ना जाने उन्हें नकली प्लास्टिक से बना ट्री बाजार से पसंद क्यों आने लगे हैं। जबकि दिल्ली को पर्यावरण के मामले में जागरूक होने की जरुरत है। बाजार में भी नकली ट्री को लेकर काफी रौनक नजर आई। आज कल बहुत काम लोग ही है जो वास्तविकता में किसी पेड़ को क्रिसमस ट्री के रूप में सजाते हैं।

कहा तो यही जा सकता हैं कि धार्मिक रूप से ये महत्वपूर्ण त्यौहार क्रिसमस भी बाकी त्योहारों की तरह बस एक सेलिब्रेशन ही रह गया है। अगर विश्व स्तर पर देखें तो ये दिन एक ख़ास है, लेकिन फिर भी नकारात्मकता व अवांछनीयता इस दिन खूब जोर-शोर से फैलती है। खैर जाने दो, सही बोलने वाले को लोग कोसते ही नजर आते हैं। पर लगता है हर मोड़ पर मानव समाज अत्याधुनिक बन गया है जिसका अंत घातक होने वाला है। 

इसे भी पढ़ें :-

Post a Comment

Previous Post Next Post