ना जाने वो बचपन की यादें मेरी कहाँ खो गयी


ना जाने वो बचपन की यादें मेरी कहाँ खो गयी,
जब मनमर्जी के खिलौनों से मैं खेला करता था,

ना जाने वो बचपन की आदतें कहाँ खो गयी,
जब छोटी छोटी बातों पर मैं रोया करता था,

ना जाने वो बचपन की अमीरी मेरी कहाँ खो गयी,
जब हर बारिश के पानी में ... अपना जहाज़ तैराया करता था,


ना जाने वो हरकतें मेरी कहाँ खो गयी,

जब झूठ छुपाने के लिए झूठ बोल करता था,


नहीं जानता... कोई 

वो ज़िन्दगी की हर एक बात ना जाने कहाँ खो गयी 


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